दोस्तों हमारे देश में लम्बे समय से रिटेल या रिटेल ट्रेड सेक्टर व्यापारियों के लिए एक ऐसी ठोस स्पष्ट पालिसी
की आवश्यकता महसूस की जा रही थी जो रिटेल सेक्टर के व्यापारियों की मुश्किलों का हल एक ही स्थान से कर सके और रिटेल सेक्टर के व्यापारियों को अलग -अलग अधिकारीयों के कार्यालय के बार बार चक्करों से निज़ात दिला सके।
ऐसी पालिसी के अभाव में अब तक छोटे व्यापारियों को काफ़ी परेशानियों का सामना कर पद रहा था। लेकिन अब भारत सरकार द्वारा पूरे देश के रिटेल सेक्टर के व्यापारियों की सुविधा के लिए एक सेंट्रलाइज्ड रिटेल ट्रेड पालिसी लाई जा रही है जो देश भर के रिटेल सेक्टर के व्यापारियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
यदि आप भी एक स्माल बिज़नेस चलाते है और रिटेल ट्रेड सेक्टर को हिस्सा है तो आपको यह ब्लॉग पोस्ट अवश्य पढ़ना चाहिए। इस ब्लॉग पोस्ट में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं भारत सरकार की नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी की।
तो चलिए शुरू करते है भारत सरकार की इस नई रिटेल ट्रेड पालिसी की और जानते है इसके मुख्य बिंदु कौन कौन से है । इसका उद्देश्य क्या है और रिटेल ट्रेड सेक्टर के व्यापारी इससे कैसे बेनिफिट उठा सकते है।
दोस्तों, एक सेंट्रलाइज्ड कम्प्यूटरीकृतइंस्पेक्शन मैनेजमेंटसिस्टम और सिंगल विंडो क्लिअरेंस ये दोनों निकट भविष्य में भारत सरकार के कार्यान्वयन के एजेंडे में हैं। सिंगल विंडो क्लिअरेंस सिस्टम का उपयोग रिटेल व्यापार के लिए आवश्यक किसी भी या सभी जैसे रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस या सैंक्शन / मंजूरी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) को नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी का ड्राफ्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है। इस पालिसी के तहत, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने इन प्रस्तावों में एक रिटेल स्टोर के लिए सिंगल लाइसेंस प्रदान करने की व्यावहारिक उपयोगिता की जांच करने के साथ-साथ बिक्री के लिए लाइसेंस को एक सामान्य श्रेणी के रूप में शामिल किया है साथ ही ऐसे स्थानों की तलाश भी करने को कहा गया है, जहाँ रिटेल विक्रेताओं द्वारा “ओवर द काउंटर” आइटम्स के लिए क्वालिफाइड प्रोफेशनल को नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है । इस पालिसी पर वर्तमान में सलाह मशविरा और परामर्श हो रहा है, और जो इसके बेनेफिशरी हो सकते है उनसे अपनी प्रतिक्रिया ली जा रही है।
भारत सरकार का उद्देश्य इस पालिसी से रिटेल सेक्टर में व्यापार करने में सुधार करना है जिससे व्यापारियों को आसानी हो । व्यापारी कल्याण के अलावा राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर इस ड्राफ्ट में व्यापारियों के लिए एक दुर्घटना बीमा योजना का प्रस्ताव भी है, जिसका उद्देश्य उन्हें होने वाली किसी भी अप्रिय घटना से बचाना है।
यहाँ एक बात समझ लेना होगी की यह पालिसी ई-कॉमर्स, डायरेक्ट सेलिंग, मल्टी-लेवल मार्केटिंग और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लागू नहीं होगी। इसके बजाय, सरकार पूरे देश में रिटेल क्षेत्र के व्यवसायों के विकास के लिए एक नेशनल कॉमन फ्रेमवर्क प्रदान करने के लिए इसका उपयोग करना चाहती है।
ड्राफ्ट नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी –
ड्राफ्ट नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी के अंतर्गत अब तक कुल सोलह अन्य विभागों और मंत्रालयों से फीडबैक मांगा है।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) प्रत्येक विभाग और मंत्रालय से इस पालिसी के अनुमोदन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा।
रिटेल व्यापार वास्तव में क्या है –
जैसा की इस पालिसी के नाम से स्पष्ट है यह पालिसी रिटेल सेक्टर के छोटे व्यापारियों के लिए बनाई जा रही है तो हम यह भी जान लें कि रिटेल सेक्टर में किस तरह के व्यवसाय शामिल हैं।
रिटेल व्यापार” की श्रेणी में विभिन्न प्रकार के व्यवसायों शामिल हैं, जैसे डिपार्टमेंट स्टोर, बुकस्टोर्स, किराना स्टोर और कई अन्य, जो व्यक्तिगत या घरेलू उपयोग के लिए आम जनता को नए या इस्तेमाल किए गए सामान बेचते हैं।
पॉलिसी का उद्देश्य –
इस पॉलिसी का उद्देश्य है ऐसी रणनीतियों को तैयार करना जिससे वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ रिटेल वातावरण प्रदान किया जा सके । यह रिटेल व्यापार के ओवरआल डेवलपमेंट को आगे बढ़ने की सुविधाएं प्रदान करेगा देगा।
पॉलिसी के उद्देश्य को निम्नलिखित तरीके से पूरा किया जाएगा :
उचित ब्याज दरों पर क्रेडिट तक सुविधाजनक और त्वरित पहुंच प्रदान करना
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना और रिटेल व्यापार के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करना
पूरी डिस्ट्रीब्यूशन चेन के लिए मजबूत फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना।
नई स्किल्स के डेवलपमेंट के उन्हें प्रमोट करना और लेबर प्रोडक्टिविटी में सुधार लाना।
रिटेल सेक्टर के व्यापारियों को एक ऐसा तंत्र उपलब्ध कराना जो उन्हें परामर्श देने के साथ साथ उनकी शिकायतों का भी समाधान करता हो।
सरकार द्वारा की गई पहल में क्या क्या शामिल हैं –
रिटेल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई इस पहल शामिल हैं:-
वित्त: पीएम मुद्रा योजना, पीएम जन धन योजना
वेयरहाउस और लोजिस्टिक्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण और स्मार्ट सिटीज मिशन आदि।
डिजिटल: ONDC, GeMS पोर्टल आदि।
आंकड़े क्या कहते है ?
जैसा की ऊपर बताया जा चूका है, ई-कॉमर्स, डायरेक्ट सेलिंग, मल्टी-लेवल मार्केटिंग और स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी के आवेदन के दायरे में शामिल नहीं हैं। इसके बजाय, सरकार पूरे देश में रिटेल क्षेत्र के व्यवसायों के विकास के लिए एक जनरल नेशनल फ्रेमवर्क प्रदान करने के लिए इसका उपयोग करना चाहती है।
२०१९-२०३० की अवधि में, केर्नी रिसर्च ने भारत में रिटेल उद्योग के ९% तक बढ़ने का अनुमान लगाया है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में दस प्रतिशत से अधिक का योगदान रिटेल उद्योग द्वारा किया जाता है, और इस क्षेत्र में केवल लगभग आठ प्रतिशत वर्कफोर्स शामिल या कार्यरत है। जब रिटेल की बात आती है, तो भारत वर्तमान में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ग्लोबल डेस्टिनेशन है।
इस प्रस्तावित पालिसी के अनुसार, लाइसेंसों को सरल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से बदलने का प्रयास किया जाएगा, और पूरे भारत में एक ही राज्य द्वारा जारी किए गए लाइसेंसों की स्वीकृति को प्रमोट किया जाएगा। थोक वितरण बाजारों को औद्योगिक क्षेत्रों या पार्कों के समान माना जा सकता है।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने कंप्लायंस बर्डन को कम करने और मामूली तकनीकी या प्रक्रियात्मक अपराधों को कम करने के लिए व्यापार लाइसेंस, कीटनाशक अधिनियम, १९६८ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, २०१९ और ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स अधिनियम, १९४० के लिए लाइसेंस सहित आठ कानूनों की समीक्षा का सुझाव दिया है।
ऐसे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करें जो केवल तकनीकी या प्रक्रियात्मक प्रकृति के हों। इस पॉलिसी का एक और उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तुरंत और सस्ती दरों पर क्रेडिट उपलब्ध करवाया जाये। पालिसी का यह भी बताता है कि बैंकों को व्यापारियों द्वारा रखे गए इन्वेंट्री के खिलाफ अग्रिम ऋण देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, सरकार रिटेल से संबंधित, मॉडर्न फिक्सचर्स, डिजिटल डिवाइसेस, डिवाइसेस एंड सोल्यूशंस और मैनेजमेंट टूल्स के लोकल मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करेगी और रिटेल विक्रेताओं को डिजिटल वाणिज्य के लिए ओपन नेटवर्क अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार रिटेल से संबंधित मॉडर्न फिक्स्चर के लोवल मैन्युफैक्चरर को बढ़ावा देगी।
भारत सरकार ने विकास को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी करने का प्रस्ताव दिया है।
इस नीति के परिणामस्वरूप रिटेल क्षेत्र और अधिक सुव्यवस्थित हो जाएगा और रिटेल व्यापार क्षेत्र में व्यापार को आसानी से संचालित किया जा सकेगा।
इस पॉलिसी के माध्यम से भारत सरकार निम्नलिखित लक्ष्यों को हांसिल करना चाहती है –
पूरे देश में ऑनलाइन व्यापार को प्रोत्साहित करना ।
चाहे गए परिणाम प्राप्त करने के लिए देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक उपकरण के रूप में रिटेल व्यापार का उपयोग करना।
प्रासंगिक कौशल के विकास को बढ़ावा देना और रिटेल व्यापार में लगे समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का विस्तार करना।
रिटेल व्यापार उद्योग को प्रभावित करने वाले मौजूदा बुनियादी ढांचे के कमियों की पहचान करना और उन कमियों को दूर करना ।
देश के उन क्षेत्रों में निवेश के प्रवाह को तेज करने के लिए जो अभी भी अविकसित अवस्था में हैं। इस पॉलिसी के अंतर्गत रिटेल सेक्टर में इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी की भूमिका को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाना श्रम का विस्तार करना |
रिटेल सेक्टर के क्षेत्र में इस प्रक्रिया के माध्यम से भारत में रिटेल उद्योग को काफ़ी मदद मिल सकती है
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक सुसंगत राष्ट्रीय रिटेल नीति वर्ष २०२४ तक अतिरिक्त ३० लाख नौकरियां पैदा करने में मदद कर सकती है। रिटेल क्षेत्र में १०% से अधिक की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर है।
तो दोस्तों यह थी एक उपयोगी जानकारी भारत सरकार द्वारा लाई जा रही नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी के सम्बन्ध में। आशा है आपको यह जानकारी अवश्य पसंद आएगी और आप भी इस पॉलिसी के माध्यम से अपने व्यापार को और आगे बढ़ा सकेंगे।
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