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How the customer thinks and What is a Buyers Persona

दोस्तों यह तो हम सब अच्छी तरह से जानते है कि किसी भी बिज़नेस का मुख्य भाग उसके कस्टमर्स होते है।
यदि कस्टमर नहीं होंगे तो बड़े से बड़े बिज़नेस बंद होते देर नहीं लगेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो आज की बिज़नेस की दुनियां का भगवान, कस्टमर ही है। ऐसे में किसी भी बिज़नेस के लिए यह अति आवश्यक है कि वह बाजार की नब्ज़ पर हर समय नज़र बनाये रखे। ग्राहक अक्सर अपनी खरीदारी क्या ध्यान में रख कर परचेस करता है। कस्टमर का व्यक्तित्व किस तरह का है।

कस्टमर की खरीदारी कई तरह की बातों पर आधारित होती है। जैसे कि उनके व्यक्तित्व, स्थान या रुचियां।
अलग अलग कस्टमर बिहेवियर को समझने से आपको यह जानने में मदद मिलती है कि कस्टमर किसी विशेष वस्तु या सेवा का चयन और भुगतान क्यों करते हैं। आप अपने लक्षित बाजार पर रिसर्च करके ऐसी मार्केटिंग योजनाएँ विकसित कर सकते हैं जो कस्टमर परचेस पैटर्न या व्यवहारों के लिए टार्गेटेड हों। यह आपके सामान और सेवाओं की बिक्री को बढ़ावा देगा।

इस लेख में, हम कस्टमर व्यवहार पर चर्चा करेंगे और इसके बारे में थोड़ा विस्तार से जानेंगे , साथै यह भी कि कस्टमर की व्यवहार पर आधारित श्रेणियों की जांच करेंगे , जो अधिकांश उपभोक्ता प्रदर्शित करते हैं।

तो चलिए शुरुआत करते है Buyer’s Persona पर आज के इस महत्वपूर्ण लेख की। आपसे निवेदन है कि आप इस लेख को ध्यान से अंत तक जरूर पढ़ें। इसकी जानकारी आपको अपने बिज़नेस को तरक्की के रस्ते पर ले जाने में बहुत सहायक होगी।

पर्चेजिंग हैबिट्स या खरीदारी की आदतें क्या हैं?

वास्तव में पर्चेजिंग हैबिट्स या पैटर्न आपके टार्गेटेड मार्केट में ग्राहकों की प्राथमिकताएं और एक्सपेंडिचर पैटर्न हैं। अपने ग्राहकों के व्यवहार को समझने से आप अपनी मार्केटिंग को उनकी विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से तैयार कर सकते हैं।

आप समझ सकते हैं कि ग्राहक क्यों और कैसे एक ब्रांड को दूसरे पर ज्यादा पसंद करते हैं। जब आपको यह पता लग जायेगा तो आप ग्राहकों के लिए एक कंपनी मॉडल तैयार कर सकते हैं जिससे एक और जहाँ आप अपने ग्राहक के लिए आकर्षण, और कस्टमर का होल्डिंग या रिटेंशन रेट को बढ़ा सकते हैं वही दूसरी और अपना रेवेन्यू बढ़ा सकते है।

बाजार में कस्टमर के पर्चेजिंग पैटर्न को ध्यान में रखते हुए ११ विभिन्न पर्चेजिंग पैटर्न का पता चलता है।

आप अपने आपके मार्केटिंग प्रयासों को इन पैटर्न को ध्यान में रखते हुए प्लान्स बना सकते है ताकि आप अपने प्रमुख टार्गेटेड कस्टमर्स को उनकी व्यय आवश्यकताओं के बारे में अधिक सीधे अपील कर सकें,

पर्चेजिंग पैटर्न के विशिष्ट पैटर्न में शामिल हैं:

1.Habitual या आदतन

आदतन खरीदारी करने वाले रेगुलर कस्टमर्स अक्सर अपनी खरीदारी पर अधिक सोच विचार नहीं करते हैं। कई उपभोक्ता जो नियमित रूप से खरीदारी करते हैं अक्सर जल्दी में आइटम चुनते हैं और खरीदते हैं। कुछ लोग एक ब्रांड को तुरंत दूसरे ब्रांड के बजाय अधिक पसंद करते हैं क्योंकि वे ऐसे ब्रांड से अधिक परिचित हैं या इसके आदी हैं। दूसरे लोग सामान चुनते समय सस्ती कीमत पर प्राप्त करना पसंद करते है। चूँकि वे पहले भी इस तरह का सामान खरीद चुके होते हैं।

2. कॉम्प्लेक्स

जब कोई खरीदार कोई महंगी वस्तु या सेवा खरीदता है, तो जटिल खरीदारी व्यवहार अक्सर होता है। क्योंकि यह महंगा है, खरीदार को महत्वपूर्ण निवेश करने से पहले इसके और इसके गुणों के बारे में अधिक जानने में कुछ समय लग सकता है। वे आइटम और उसके फायदों के बारे में प्रशंसापत्र पढ़ने में कुछ समय ऑनलाइन खर्च कर सकते हैं। ग्राहक इस महत्वपूर्ण खरीदारी पर अतिरिक्त दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए अपने मित्रों, परिवार या सहकर्मियों से भी बात कर सकते हैं।

3. कस्टमर्स जो आसानी से उपलब्ध सामान खरीदते है –

ऐसे कस्टमर्स इस प्रकार के की पर्चेजिंग हैबिट होये है जो , एक ऐसे उत्पाद का चयन कर सकते हैं जो बिना अधिक जांच-पड़ताल किए उनके लिए आसानी से उपलब्ध हो। इस प्रकार की खरीदारी गतिविधि में संलग्न होने पर, उपभोक्ता अक्सर एक ऐसे उत्पाद का चयन करते हैं जो उनके पास पहले से मौजूद होता है या पहले से आजमाया हुआ होता है।

अन्य ब्रांडों पर इनका कोई विशेष ध्यान नहीं होता। या हम कह सकते है कि सामान खरीदते वक्त इनके पास सीमित विकल्प होते हैं। ये उपभोक्ता जल्दी से से एक ऐसा ब्रांड चुन सकते हैं जो उनके सोच पर खरा बैठता हो और समय की पाबंदी को पूरा करने के लिए उनके बजट में फिट बैठता हो।

4. ऐसे कस्टमर्स जिन्हें वैरायटी पसंद हो –

customer looking for mobile in varieties

कई कस्टमर्स ऐसे होते है जो अक्सर एक ही उत्पाद खरीदते हैं, लेकिन कुछ नया करने की कोशिश भी करना चाहते हैं। अपनी दिनचर्या और निर्णय लेने में बदलाव लाने के लिए, वे आम तौर पर एक नए उत्पाद की ओर बढ़ते हैं। आमतौर पर, जब ये ग्राहक नए उत्पादों का प्रचार देखते हैं, तो वे उन्हें पहले से खरीदे गए उत्पादों से तुलना करने के लिए खरीद सकते हैं।

5. लिमिटेड डिसीजन लेने वाले –

कुछ कंपनियां भी ऐसी हो सकती हैं जो किसी विशेष उत्पाद को उस समय बेचती हैं जब कस्टमर्स उस उत्पाद के निर्णय लेने को तत्पर होते है। इससे पता चलता है कस्टमर्स के पास सीमित विकल्प हैं। इनमें से अधिकांश ग्राहक प्रत्येक उत्पाद की विशेषताओं और फायदों की जांच करते हैं, फिर अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे अच्छा विकल्प चुनते हैं। एक तरह से देखा जाये तो उनके पास सीमित विकल्प उपलब्ध होने के कारण, ऐसे कस्टमर्स किन्हीं विशेष मापदण्ड वाले उन उत्पादों को खरीदने के लिए मजबूर होते हैं और अन्य विकल्प पर वे आगे नहीं बढ़ते हैं।

6. इम्पल्सिव या आवेग में पर्चेजिंग करने वाले –

कई लोग जो अक्सर आवेग पर खरीदारी करते हैं, यह तय करने में अधिक समय या प्रयास नहीं लगते हैं कि कौन से उत्पाद खरीदे जाएं। कुछ उपभोक्ता बिना कोई जानकारी या रिसर्च किए या उत्पाद की विशेषताओं के बारे में अधिक जाने बगैर खरीदारी कर सकते हैं। ये अपने निर्णय सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स, कैचफ्रेज़, लोगो, स्लोगन्स या मार्केटिंग कोलेटरल जैसी बातों पर ही भरोसा करते हुए पर्चेजिंग करते है।

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7. कंजूस नेचर वाले –

ये खरीदार कीमत से अधिक उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में महत्वपूर्ण रूप से ध्यान रखते हैं। अधिकांश सोच समझ कर खर्च करने वाले कस्टमर्स इमोशनल मार्केटिंग से प्रभावित हो कर प्रतिक्रिया करते हैं और एक स्थापित ब्रांड चुन सकते हैं जो उन्हें सबसे अच्छी आफ्टर सेल्स सर्विस भी देते हों और अपने कस्टमर्स के साथ मजबूत संबंध बनाता है।

वे अक्सर किसी उत्पाद के फायदे और नुकसान पर अपना भरपूर होमवर्क करते हैं और कई विकल्पों पर विचार करते हैं कि फर्म के साथ उनका पूर्व में क्या और कैसा अनुभव रहा। इन कस्टमर्स के साथ बिज़नेस करते समय अपने ब्रांड को भरोसेमंद और उद्देश्यपूर्ण ब्रांड के रूप में बेचने पर विचार करें।

8. औसत खर्च करने वाले –

ऐसे कस्टमर्स सामान की क्वालिटी को प्राथमिकता देते हैं, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखते है कि कहीं वे जरुरत से अधिक खर्च तो नहीं कर रहे हैं। अक्सर उनमें से कई ने अपनी खरीदारी के लिए खर्च की एक निश्चित सीमा तय की होती है, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि सुविधाएं मूल्यवान और लाभप्रद हैं, तो वे इस सीमा से अधिक खर्च करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं।

ऐसे कस्टमर्स खरीदारी करने से पहले, किसी भी प्रोडक्ट पर एक अच्छी खासी रिसर्च करते है कि प्रोडक्ट की कीमत क्वालिटी के अनुसार ठीक है अथवा नहीं। इनमें से कई ग्राहक व्यापारियों से प्राइस कोटशन भी मांग सकते हैं ताकि वे देख सकें कि बाजार में आपके प्रतिद्वंद्वियों से उन्हें कोई अन्य बड़ा और लाभप्रद सौदा तो नहीं मिल रहा है।

9. मितव्ययी या किफायती खर्च करने वाले –

इस प्रकार के उपभोक्ता लागत में कटौती और अपने खर्च करने की योजना और बजट से पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वे ब्रांड की पहचान, कार्यप्रणाली या उपभोक्ता लाभ जैसे पहलुओं की तुलना में उत्पाद के मूल्य निर्धारण से अधिक चिंतित हो सकते हैं। आमतौर पर, आप इन ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी कीमतों की पेशकश करके और निवेश पर संभावित रिटर्न का वर्णन करके आकर्षित कर सकते हैं, जो वे आपकी अच्छी प्रोडक्ट या सेवा खरीदने के बाद अनुभव कर सकते हैं।

10. एनालिटिकल या विश्लेषण करने वाले –

ऐसे कस्टमर्स अधिकांश रूप से अपनी पर्चेजिंग का निर्णय अक्सर उपलब्ध सूचना, डेटा, तथ्यों और तर्क के आधार पर लेते हैं। वे अक्सर विभिन्न परिणामों की संभावना और विशेष वस्तुओं की सक्सेस रेट का काफी विश्लेषण करते हैं।
इनमें से अधिकतर कस्टमर्स उत्पाद के विश्लेषण और तुलना में भी काफी समय लगा सकते हैं। अपने द्वारा चुनी गई चीजों पर अंतिम निर्णय लेने से पहले, ये लोग अक्सर हर बारीक़ से बारीक़ पैरामीटर पर ध्यान देते है। इन ग्राहकों के लिए मार्केटिंग करते समय, आप अपने उत्पादों के संबंध में सक्सेस स्टोरीज, केस स्टडी और टेस्टिमोनिअल्स को ध्यान में रखें।

11. एक्सप्रेसिव या स्पष्ट –

Female sales talking with custome

अधिकांश एक्सप्रेसिव या स्पष्ट कस्टमर्स आमतौर पर आपके उत्पाद या सेवा के साथ उनके निरंतर संबंध और अनुभव पर विचार करते हैं। वे अक्सर पॉजिटिव कस्टमर सर्विस को महत्व देते हैं क्योंकि वे लगातार आपके ब्रांड के साथ जुड़ सकते हैं और जितनी जल्दी हो सके सहायता, दिशा या समर्थन प्राप्त करने की आशा करते हैं।

यदि आप उनके साथ एक अच्छा तालमेल स्थापित करते है तो वे एक लॉन्ग टर्म कस्टमर्स बनेंगे। इसके लिए आपको विनम्र और पेशेवर बनना होगा जिससे आप प्रभावी ढंग से मार्केटिंग कर पाएंगे।

तो दोस्तों यह थी Buyer’s Persona पर एक विस्तृत जानकारी। उम्मीद है आपको यह जानकारी अवश्य पसंद आई होगी। अब आप भी अपने बिज़नेस के अनुरूप इस जानकारी का उपयोग करते हुए प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ सकते है।

कस्टमर एक्सपेरिएंस के बारे में विवरण में जानने के लिए यह ब्लॉग पढ़िए।

आज के इस लेख में इतना ही, जल्द ही फिर किसी उपयोगी जानकारी को ले कर फिर मिलेंगे। तब तक के लिए

हैप्पी रीडिंग!!

दोस्तों आप अपने सुझाव और कमैंट्स हमे अवश्य भेजें।

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धन्यवाद!!

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